आत्म-नियंत्रण - व्यक्ति अपने विचारों और व्यवहारों को नियंत्रित करके अपने उद्देश्यों पर ध्यान केंद्रित रखने से उपलब्धि का मार्ग प्रशस्त हो सकता है।
ईमानदारी: - व्यक्ति अपनी ईमानदारी और नैतिकता से लोगों का सम्मान और विश्वास सभी व्यवहारों में हासिल कर सकता है।
दृढ़ता: - हर व्यक्ति कठिनाइयों पर डटकर विजय प्राप्त कर सकते है, बाधाओं को विकास के अवसरों में बदल ने का प्रयास करना चाहिए।
निरंतर सीखते रहना - खुद को आगे बढ़ाने के लिए अपनी क्षमताओं और समझ को विकसित कर सकते है, ज्ञान की खोज जारी रखके अपनी योग्यता बढ़ाए।
अनुकूलनशीलता - गतिशील परिस्थितियों में लचीलापन सुनिश्चित करने के लिए, परिवर्तन को अपनाना चाहिए और रणनीतियों को संशोधित करते हुए यश प्राप्त करते रहे।
समय का प्रबंधन - अपना आउटपुट बढ़ाने और लक्ष्यों को पूरा करने के लिए कार्यों की प्राथमिकताएं निर्धारित करके अपने समय का खुद के विकास के लिए उपयोग करें।
आत्मविश्वास - बाधाओं को दूर करने और संभावनाओं का लाभ उठाने में सक्षम होने के लिए आशावाद और आत्म-विश्वास को हमेशा विकसित करते रहे।
नेटवर्किंग - सहायता, दिशा और टीम वर्क प्रदान करते हुए मौजूदा रिश्तों का उपयोग करके गहरे संबंध बनाए रखें।
संसाधनशीलता - जीवन में समस्याओं पर मात करने के लिए कल्पनाशील तरीके अपनाएं और अपने पास उपलब्ध संसाधनों का अधिकतम उपयोग करके लाभ उठाएं।
अपने उद्देश्यों पर ध्यान दें - विशिष्ट लक्ष्य स्थापित करें और अपनी सफलता की दृष्टि के अनुरूप कार्य करते हुए उन्हें प्राप्त करने के लिए हमेशा कटिबद्ध रहें।